वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल हर कोई रोजाना ही कर रहा है लेकिन बहुत से लोगों को इस मशीन से पानी निकालने का सही तरीका पता नहीं होगा। वाशिंग मशीन में पानी ड्रेन करते समय की कईं गलतियां भारी पड़ जाती हैं। अब कोई नुकसान ना हो, इसलिए सही तरीका भी जान लीजिए।

अब भले ही कपड़ों की धुलाई के बाद मशीन से पानी ड्रेन करना यानी खाली करना एक नॉर्मल प्रोसेस लगती हो। लेकिन, कई बार लोग अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिनकी वजह से मशीन को बड़ा नुकसान हो सकता है। इन गलतियों से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें।
ड्रेन पाइप को गलत तरीके से लगाना
वॉशिंग मशीन में ड्रेन पाइप का सही इंस्टॉलेशन जरूरी है। इसे बहुत ज्यादा नीचा या बहुत ऊंचा न रखें और फर्श पर सीधा पड़ा हुआ न छोड़ें। अगर पाइप बहुत नीचा होगा, तो मशीन में पानी भरते ही तुरंत ड्रेन होगा। इससे मशीन में पर्याप्त पानी नहीं भरेगा और कपड़े ठीक से नहीं धुलेंगे। जबकि ऊंचा होने पर पानी को बाहर निकालने में मोटर पर ज्यादा दबाव पड़ेगा, जिससे मोटर जल्दी खराब हो सकती है।
ड्रेन पाइप को मोड़ना या टाइट बांधना
वॉशिंग मशीन ड्रेन पाइप को अगर आप मोड़ देती हैं या कसकर बांधती तो हैं तो ऐसा करने से पाइप ब्लॉक हो जाता है और पानी रिवर्स फ्लो भी करता है। इसकी वजह से ना सिर्फ मशीन में लीकेज की दिक्कत होती है बल्कि मशीन को नुकसान होता है। कई बार मोटर पर दबाव पड़ने पर खराब भी हो जाती हैं।
ड्रेन फिल्टर को साफ न करना
ड्रेन फिल्टर को लंबे समय तक साफ न करने से ब्लॉक होने की दिक्कत आती है। फिल्टर में सिक्कों, रेशों, बटन या कपड़ों से निकले छोटे-छोटे टुकड़ों जैसी चीजें फंस जाती हैं। फिल्टर ब्लॉक होने से पानी ड्रेन नहीं होता और मशीन पर दबाव पड़ता है। पानी मशीन में ही जमा रहने से बदबू और बैक्टीरिया भी पनप जाते हैं। हर 2-3 महीने में एक बार ड्रेन फिल्टर को जरूर साफ करना चाहिए।
पानी ड्रेन होने से पहले दरवाजा खोलना
मशीन के ड्रेन साइकिल के बीच में ढक्कन न खोलें, खासकर जब मशीन तेजी से घूम रही हो। इससे पुरानी टॉप-लोडर मशीनों में दिक्कत हो सकती है। अचानक घूमने से पार्ट्स पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, नई मशीनों में सेफ्टी लॉक होते हैं जो इसे रोकते हैं, फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए। इसलिए जब मशीन पूरी तरह रुक जाए और "एंड ऑफ साइकिल" या "ड्रेन" का साइन दे, तभी ढक्कन खोलें।
मशीन को तुरंत ऑफ करना
ड्रेन करते समय मशीन को तुरंत ऑफ करना भी गलती ही मानी जाती है। इससे मोटर या सर्किट को डैमेज हो सकता है, फिर ठीक करवाने में मोटा पैसा खर्च हो सकता है। सेमी ऑटोमैटिक मशीनों में ड्रेनिंग के लिए एक अलग नॉब या बटन होता है। गलत मोड चुनने से मशीन ठीक से पानी खाली नहीं कर पाएगी या जरूरत से ज्यादा घूमेगी, इसलिए सही मोड चुनना भी जरूरी है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।