अभिनेता पारस छाबड़ा ने पवित्रा पुनिया के मंदिर के पुजारियों पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी है। पारस ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि मूर्तियों को पुरुष भी सजा सकते हैं। पवित्रा ने कहा था कि पुरुषों को देवियों के वस्त्र बदलने का अधिकार नहीं है। इस बात पर पारस ने उन्हें जवाब दिया है।

एक्टर पारस छाबड़ा का माहिरा शर्मा से अफेयर के पहले पवित्रा पुनिया संग प्यार वाला रिश्ता था। दोनों रिलेशनशिप में थे। इनकी उम्र में 7 साल का अंतर था। एक्टर से एक्ट्रेस सात साल बड़ी थीं। हालांकि कुछ समय बाद इनका ब्रेकअप हो गया और दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए थे। अब दोनों अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ चुके हैं और आध्यात्म की राह पर निकल गए हैं। इनके बारे में इसलिए जिक्र कर रहे क्योंकि पारस छाबड़ा ने एक वीडियो बनाकर पवित्रा पुनिया को करारा जवाब दिया है। क्योंकि उन्होंने एक इंटरव्यू में देवियों के वस्त्र, पुजारियों द्वारा बदलने पर आपत्ति जताई थी। अब एक्टर ने उन्हें अच्छे से समझा दिया है। क्या कहा है, आइए बताते हैं।
पारस छाबड़ा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की, जिसमें वह माथे पर पीला चंदन लगाए नजर आ रहे हैं और बिना पवित्रा पुनिया का नाम लिए बगैर कह रहे हैं, 'थोड़े दिन पहले एक रील देखी थी, जहां पर उड़ते-उड़ते ये बात आई कि जो मंदिरों में देवियों की जो मूर्ति होती है, उनको पुजारी, मर्द लोग क्यों तैयार करते हैं, वो श्रृंगार क्यों करते हैं। उनको नहीं करना चाहिए। तो आप ये राधा रानी का श्रीविगृह देखिए। ऐसा क्या है इनके श्रीविगृह में, जो कि एक मर्द को सोचना चाहिए कि मैं अपनी देवी, अपने भगवान को तैयार नहीं कर सकता। कर सकता हूं न? कपड़े तो पहने हुए हैं पूरा शृंगार हुआ है। ये तो जब हम अपने घर में रखते हैं, या मंदिर में रखते हैं, तो सारी मूर्तियों पर कपड़े पहले से ही होते हैं। उन पर अलग शृंगार करके उनको और सुंदर बनाया जाता है।'
पारस छाबड़ा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की, जिसमें वह माथे पर पीला चंदन लगाए नजर आ रहे हैं और बिना पवित्रा पुनिया का नाम लिए बगैर कह रहे हैं, 'थोड़े दिन पहले एक रील देखी थी, जहां पर उड़ते-उड़ते ये बात आई कि जो मंदिरों में देवियों की जो मूर्ति होती है, उनको पुजारी, मर्द लोग क्यों तैयार करते हैं, वो श्रृंगार क्यों करते हैं। उनको नहीं करना चाहिए। तो आप ये राधा रानी का श्रीविगृह देखिए। ऐसा क्या है इनके श्रीविगृह में, जो कि एक मर्द को सोचना चाहिए कि मैं अपनी देवी, अपने भगवान को तैयार नहीं कर सकता। कर सकता हूं न? कपड़े तो पहने हुए हैं पूरा शृंगार हुआ है। ये तो जब हम अपने घर में रखते हैं, या मंदिर में रखते हैं, तो सारी मूर्तियों पर कपड़े पहले से ही होते हैं। उन पर अलग शृंगार करके उनको और सुंदर बनाया जाता है।'
पारस छाबड़ा ने कहा- दिमाग की गंद को निकालो
पारस छाबड़ा ने आगे कहा, 'अब मेरी राधा रानी और प्यारे जी बहुत सुंदर हैं। लेकिन उनको कपड़े पहनाकर और सुंदर बनाया जाता है। जिससे हमारे घर में एक पॉजिटिव वाइब रहे और आपका चिंतन, खुद का चिंतन भी इन्हीं की ओर बना रहे कि मैंने तैयार किया था। बहुत सुंदर लग रहे थे। बड़ी सुंदर लग रही हैं न। तो ये भाव है। और जिसका भाव अच्छा होता है, वो तो शृंगार करेगा पहली बात। अगर किसी के अंदर भाव ही नहीं है तो वो शृंगार करेगा ही नहीं। और अगर किसी का भाव अपने भगवान के प्रति कुछ गलत आ रहा है, तो वो फिर बेकार की बात है। फिर उस इंसान को सबसे पहले सत्संग सुनना चाहिए। अपनी बुद्धि में जो गंद भरा हुआ है, उसको निकालना चाहिए। उसके बाद ऐसी बातें करनी चाहिए। और एक और बात। जब ये मूर्ति कोई बनाता है तो वो कौन बनाता है? एक मर्द ही बनाता है। तो ऐसा नहीं है कि हम किसी के भाव को गलत बोलें। भगवान सिर्फ भाव देखते हैं, प्यार देखते हैं, बस इतनी सी बात है। तो अब हम अपने राधा रानी को तैयार करेंगे।'पवित्रा पुनिया ने मंदिर के पुजारियों पर गुस्सा निकाला था
वहीं, पवित्रा पुनिया ने 'बीब्लंट पॉडकास्ट' में कहा था, 'मैं वो औरत हूं, जो इस चीज के भी खिलाफ है कि मंदिरों में माता की मूर्ति जहां पर होती है, जहां-जहां देवी का रूप है, उसके कपड़े एक आदमी कैसे चेंज कर सकता है। तुमको किसने हक दिया है। तुम पूजा करो उसकी। पंडित हो, पुजारी हो। साधू हो। करो। पर तुम्हें उसके कपड़े बदलने का हक किसने दिया? माना वो भगवान है। लेकिन तुम शायद भूल गए कि जब अंदर माता पार्वती नहा रही थीं और गणेश भगवान बाहर थे तो उन्होंने उनको सुरक्षा के लिए रखा था कि देखना कोई आए न। शिवजी को भी नहीं जाने दिया था तो तुम कौन हो?''भाई से पूछा- तेरे सामने कपड़े बदलूं तो?'
पवित्रा ने सवाल उठाते हुए पुजारियों के लिए कहा था, 'तुम मर्द हो, तुम देवता की पूजा करो। उसके कपड़े बदलो। उसका ध्यान रखो। वो जो एक पर्टिकुलर मोमेंट आता है, वो एक औरत है। मैं ये बोल ही नहीं कि तुमने साधना कितनी कट्टर की है, तुम कितने बड़े सिद्ध पुरुष हो कि तुम्हें परमिशन है लेकिन वो एक औरत है। मैं अलाऊ करूंगी कभी कोई आदमी मेरी मां के कपड़े चेंज कर दे। मैंने अपने भाई को पूछा, मेरे जहन में ये चीज आई, मैंने पूछा कि तेरे को ये चीज अच्छी लगेगी कि मैं तेरे सामने अपने कपड़े बदल लूं? उसने कहा- अरे पागल है क्या? बस।'
Tags:
Entertainment