चार्जर सॉकेट में घुसा है, फोन भी नहीं लगा... जान लो हर सेकंड कितनी बिजली फोकट में फूंक रहे हो!

 चार्जर प्लग में लगा है, फोन नहीं जुड़ा लेकिन वह फिर भी बिजली फूंक रहा है! हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके आपका मीटर घूमता है और जेब हल्की होती है। सोचो, खाली बैठा चार्जर भी बिल बढ़ा रहा है। अब समझिए असली नुकसान कितना बड़ा है।

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चार्जर प्लग में लगा है लेकिन फोन चार्जिंग पर नहीं लगाया है? और आप सोच रहे हैं कि कोई नुकसान नहीं हो रहा? जरा रुकिए! ये छोटा सा चार्जर हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके आपकी जेब हल्की कर रहा है। प्लग में यूं ही लगा आपका चार्जर बिजली के बिल में चुपचाप अपना हिस्सा जोड़ रहा है। मजे की बात यह है कि आपको भनक तक नहीं है। दरअसल ऐसा नहीं है कि एक चार्जर सिर्फ तभी बिजली खींचता है जब वह फोन को चार्ज कर रहा हो। दरअसल ये प्लग में खाली बैठे-बैठे भी बिजली का मीटर घुमा रहा होता है। चलिए समझते हैं कि फोकट में प्लग में बैठ कर बिजली चूस रहे चार्जर आपकी कितनी जेब ढ़ीली कर देते हैं और क्या इससे सिर्फ यही एकमात्र नुकसान हो रहा है?

कितनी यूनिट फोकट में फूंकी

कितनी यूनिट फोकट में फूंकी

अधिक्तर लोग सोचते हैं कि जब तक चार्जर संग फोन नहीं लगा है तब तक कोई बिजली खर्च नहीं हो रही। जबकि हर सार इस लापरवाही से 22 करोड़ बिलजी यूनिट बेकरा में खर्च कर दी जाती है। यानी कि रोज की 6 लाख 3 हजार यूनिट प्लग ऑन छोड़ देने की लापरवाही से स्वाहा हो जाती है। भारत में लोगों की इस लापरवाही से हर सेकेंड 419 यूनिट बिजली खप जाती है। अगर यह बिजली की यूनिट वाले आंकड़े से कुछ समझ में न आ रहो हो, तो चलिए पैसों की बात कर लेते हैं। भारत में रुपयों की भाषा सभी जल्दी समझ लेते हैं।

कितने रुपये हुए स्वाहा?

कितने रुपये हुए स्वाहा?

मोबाइल फोन के चार्जर को प्लग में लगा छोड़ देने की लापरवाही से साल भर में 220 करोड़ की बिजली खर्च हो जाती है। अगर एक अकेले मोबाइल फोन की बात करें, तो यह साल भर में एक मोबाइल फोन चार्ज होने में 150 रुपये की बिजली खर्च करता है। 150 रुपये छोटी रकम लग सकती है लेकिन आजकल घर में हर सदस्य के पास अपना पर्सनल मोबाइल फोन होता है। इस लिहाज से यह खर्च बहुत ज्यादा हो सकता है।

हर एक व्यक्ति पर कितना भार

हर एक व्यक्ति पर कितना भार

प्लंग में लगा एक खाली चार्जर एक दिन में लगभग 7.2 वाट बिजली फूंक देता है। इससे लगभग 0.0072 यूनिट प्रति दिन खर्च होती है। भारत में घरेलू बिजली की दर औसतन 6 रुपये प्रति यूनिट है। हालांकि यह अलग-अलग राज्यों में कम या ज्यादा हो सकती है। इस लिहाज से एक खासी चार्ज एक दिन में 4 पैसे की बिजली खा जाता है। एक महीने का यह खर्च 1.30 रुपये बैठता है। सालभर में यह प्रति व्यक्ति लगभग 15.60 रुपये हो जाता है। इस छोटी सी दिखने वाली रकम को जब आप भारतीय मोबाइल यूजर्स की संख्या के साथ मिलाएंगे, तो पाएंगे कि एक बहुत बड़ी संख्या में बिजली की बर्बादी चार्जर को प्लग में छोड़ देने की लापरवाही के चलते होती है। ऐसे में अगली बार जब भी चार्जर को किसी सॉकेट में लगा देखें, तो उसे तुरंत निकाल दें।

और भी हैं नुकसान

और भी हैं नुकसान

अगर आपको लगता है कि प्लग में चार्जर लगा छोड़ देने से सिर्फ बिजली का नुकसान होता है, तो ऐसा नहीं है। इस एक लापरवाही से कई और बड़े नुकसान भी हो सकता हैं। इस गलती से आपके महंगे चार्जर के खराब होने से लेकर घर में आग लगने तक का खतरा बना रहता है। इसे इस तरह से समझें कि प्लग में लगे एक खाली चार्जर में बिजली का प्रवाह लगातार होता रहता है। अब जहां AC फ्रिज जैसे बड़े-बड़े अप्लांय को लगातार इस्तमाल न करने की सलाह दी जाती है, वहां आपका छोटा सा चार्जर कैसे लगातार प्लग में लगे रहने के बाद सही रह सकता है। इस गलती से चार्जर के फटने या उसमें आग लगने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में कभी भी खाली चार्जर को प्लग में लगा न छोड़ें।

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